ग्वालियर पुलिस ने फैडरल बैंक के डिप्टी मैनेजर को क्या गिरप्तार, गिरोह के 6 सदस्यों को भी पकड़ा

ग्वालियर पुलिस ने एक ऐसी ही गैंग को पकड़ा है जो बेरोजगारों को जॉब टास्क का झांसा देकर उन्हें ठगी का शिकार बना रही थी, एक शिकायत की जाँच के आधार पर पुलिस गिरोह तक पहुंच गई और पूरी गैंग को पकड़ लिया, खास बात ये है कि इसमें एक एक बैंक का डिप्टी मैनेजर भी शामिल है। बेरोजगारी के चलते लोगों को जहाँ जॉब का ऑफर दिखाई देता है वहां एप्लाई करते हैं और इसी बात का फायदा उठाकर बदमाश साइबर ठगी जैसी घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं।

एसपी राकेश कुमार सगर ने शिकायती आवेदन की जाँच के आदेश साइबर क्राइम टीम को दिए पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक सिटी सेंटर में रहने वाले बलविन्दर सिंह गिल न उनके साथ टेलीग्राम पर जॉब टॉस्क का झांसा देकर टेलीग्राम ग्रुप में एड करके 9,45,000/- रुपये की ऑनलाइन ठगी किये जाने की शिकायत की थी।

पुलिस टीम को तकनीकी सहायता के आधार पर मालूम चला कि जिस बैंक खाते में फ्रॉड की राशि स्थानांतरित हुई है वह खाता सोहेल खान पुत्र कल्लू खान निवासी मेवाती मोहल्ला ग्वालियर का है। आवेदक की शिकायत पर से थाना क्राइम ब्रांच में अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया, विवेचना के दौरान क्राइम टीम के सामने आया कि ठगी गई राशि में से अधिकतर राशि ग्वालियर के एक बैंक अकाउंट में स्थानांतरित हुई है व कुछ राशि ग्वालियर से ही निकाली गई है।

पकड़े गये आरोपियों से पूछताछ करने पर आरोपी प्रयल अष्ठाना ने बताया कि वो अपने साथी इमरान खान, आकाश कोहली, सोहेल खान, वीर सिंह कौरव व साथी फैडरल बैंक के डिप्टी मैनेजर ऋतिक सनोटिया के साथ मिलकर ऑनलाइन ठगी के लिये लोगों के खाते खोलकर सायबर फ्रॉड़ हेतु उपलब्ध कराता था। इतना मालूम चलते ही पुलिस ने सोहेल खान को हिरासत में लेकर उससे पूछताछ की और फिर उसकी मदद से गैंग के अन्य साथियों को हिरासत में ले लिया।

आरोपी प्रयल अष्ठाना अपने साथी सिटी सेंटर स्थित फैडरल बैंक के डिप्टी मैनेजर ऋतिक सनोटिया से भेजे गये लोगों के खाते ज्यादा वैरीफिकेशन न करके जल्द से जल्द खोलने की बोलता था और उसके एवज में प्रति खाते पर 10,000/- रुपये फैडरल बैंक के डिप्टी मैनेजर को देता था। आरोपीगण इमरान व आकाश ऐसे लोगों को ढूंढते थे जिन्हे पैसों की जरूरत होती थी, उन्हे पैसे देकर खाता खुलवाने के लिये प्रयल अष्ठाना के पास भेजते थे। प्रयल अष्ठाना अपने साथी वीरू कौरव के साथ मिलकर खाता खुलवाने व पैसे निकालने के लिये बैंक जाता था।