आज मुख्यमंत्री कार्यालय जाकर दिल्ली के नए मुख्यमंत्री के तौर पर नई मुख्यमंत्री आतिशी ने पदभार ग्रहण कर लिया, उन्होंने एक वीडियो सन्देश जारी करते हुए कहा कि आज मेरे मन में भी वही व्यथा है, जैसी भगवान राम जी के वनवास जाने पर भरत जी के मन में थी। उन्होंने भगवान राम की खड़ाऊँ रखकर शासन चलाया था। इसी तरह मुख्यमंत्री की ये कुर्सी केजरीवाल का इंतज़ार करेगी।
अरविंद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़ दी, उन्होंने मनीष सिसोदिया की विश्वासपात्र और अपनी खास कैबिनेट मंत्री आतिशी को मुख्यमंत्री बना दिया, पिछले दिनों दिल्ली के एलजी विनय सक्सेना ने उन्हें मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई। आतिशी ने आज मुख्यमंत्री कार्यालय जाकर पदभार ग्रहण कर लिया। दिल्ली शराब नीति घोटाला मामले में करीब 6 महीने तक जेल में रहने के बाद सुप्रीम कोर्ट से जमानत पर बाहर आये ।
आज मेरे मन में वो ही व्यथा है जो भरत जी के मन में थी जब उनके बड़े भाई भगवान श्री राम 14 साल के लिए वनवास पर गए थे, और भरत जी को अयोध्या का शासन सँभालना पड़ा था। जैसे भरत ने 14 साल तक भगवान श्री राम की खडाऊं रख कर अयोध्या का शासन सम्भाला, वैसे ही मैं 4 महीने दिल्ली की सरकार चलाऊँगी। उन्होंने वहां पास में एक खाली कुर्सी रखते हुए एक वीडियो सन्देश जारी किया जिसमें आतिशी ने कहा – आज मैंने दिल्ली के मुख्यमंत्री की ज़िम्मेदारी सँभाली है।
आतिशी ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि पिछले दो साल से भाजपा ने अरविंद केजरीवाल पर कीचड़ उछालने में कोई कसर नहीं छोड़ी, उनपर झूठे मुकदमे लगाये, उन्हें गिरफ्तार किया 6 महीने जेल में रखा, सुप्रीम कोर्ट ने जब जमानत दी कोर्ट ने भी ये कहा कि केजरीवाल की गिरफ़्तारी दुर्भावना से की गई है।
आतिशी ने कहा कि केजरीवाल चाहते तो बतौर मुख्यमंत्री बने रहते लेकिन उन्होंने कहा कि वे मुख्यमंत्री की कुर्सी पर तब तक नहीं बैठेंगे जब तक दिल्ली के लोग उनकी ईमानदारी पर भरोसा नहीं करते और मुख्यमंत्री पद छोड़ दिया, मुझे पूरा भरोसा है कि फरवरी में होने वाले चुनावों में दिल्ली के लोग एक बार फिर अरविंद केजरीवाल को मुख्यमंत्री बनायेंगे तब तक ये कुर्सी यहीं रहेगी केजरीवाल का इंतजार करेगी।